Now further -
We were introduced about the Nakshara Loka. in the previous blog.The loka was according to subtle bodies of the Saints or the souls.The subtle body also radiates likely beam of light.It was said by Bankim Chandra in our last paragraph.He writes about the unknown world some time very little as we saw in last blog.But he moved for that very long run which is not known to the earthly people.Here in this blog v will read about the Ninth Heaven.He (Bankim ) also could not recognize this place.He saw a part of this ninth Heaven.
^ मै एक दिन एक आत्मा के साथ उर्ध्व से भी उर्ध्व स्तर में उठ गया । यहाँ एक स्थान में देखने में आया की दो उज्वल देह पुरुष और स्त्री आत्मा चारों और घूम रहे है ।उनका भाव सदा प्रसन्न है । प्रेम और आनंद में मानो नित्य उत्फुल्ल है । उच्च चिंता सदा विद्यमान है । संगीत काव्य में चित्त भाव मय है ।इन लोगो का आत्मिक प्रेम ही सहज भाव है । आनंद इनका चिर सहचर है ।पृथ्वी पर जो कवि भाववादी तथा संगीतज्ञ है वे यही से जाकर जन्म लेते है । यहाँ कवि रजनीकांत ]माइकेल मदुसुदन दत्त तथा अन्य आत्माएं भी है । इस लोक से उज्वल रश्मिया निर्गत हो कर दूर बहुत दूर ]अनंत दूर चली गयी है । इसका अंत कहाँ है किसके साथ है समझ नहीं आता ।बीच बीच में आलोक का बुदबुद उठ रहा है ]ये सभी छोटे छोटे वृताकार में परिणित होकर चारों और तेर रहे है । अत्यंत अद्भुत है । इसका मध्य स्थान भी अद्भुत और उज्वल है । मै देख कर आश्चर्यान्वित हो गया ।मेने हिम्मत कर के कहा] - ^हम लोग कहाँ आये है \ सुनना चाहता हु । यदि कोई व्यवधान न हो तो मन की भ्रान्ति दूर कीजिये ।*
यह सुनकर वे बोले] - ^ ये नवम स्वर्ग का एक अंश तुम देख रहे हो । यहाँ और भी कितने ही आश्चर्यजनक स्थान है तुम देख पाओगे । *
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