Technique of death works when death comes
Now here Bankim Chandra is giving the description about the death.When death take place in the body how our breathing system works.
By which technique some one who left the body never comes again in this old body.One of its kind of prana the Saman Vayu has its role to get out the body.All collected Vayu with Saman Vayu go out side the body.Located between chest and naval associated with manipur, the fire element responsible for balancing the body machanism
'' एक दिन दुसरे स्थान में गए । वहां बहुत लोग रहते है । बड़ी सुन्दर वस्तुए वहां है और अति उज्वल आलोक । सुना है यह स्वर्ग के दूसरी और का सिरा है ।यहाँ से आत्माए सूक्ष्म देह छोड़ कर अपने कर्मा नुसार जड़ देह लेकर जन्म लेती है । हम लोग जहाँ रहते है उसकी अपेक्षा यहाँ की सब आत्माए अन्य प्रकार से गठित है । इन लोगो का भिन्न भिन्न प्रकार का स्वभाव है । आत्माओं के भीतर भिन्न भिन्न भाव है । कही देहिक कही मानसिक कही अध्यात्मिक । कोई पूर्ण निर्दोष नहीं दिखाई पड़ा । यहाँ मृत व्यक्तियों का ठीक ठीक विचार होता है ।इसी स्थान से लोग मृत्यु लोक में जाते है और प्रत्यावर्तन होता है ।परन्तु इस प्रकार जाने को मृत्यु नहीं कहते । शुद्ध देह छोड़ कर मनुष्य देह धारण करते है । मानव की मृत्यु का समय जब उपस्थित होता है तब उसकी देह शिथिल और अवश होजाती है ।मृत्यु के पूर्व जो आत्मा उर्ध्व गमन करती है उसके साथ समान वायु का आकर्षण रहता है । वह उसे खीच कर ले जाती है ,और मृत्यु के समय जो नाभि श्वास होता है तो यह समान वायु देहस्थ अन्य वायु को एकत्र करके आत्मा के साथ बाहर हो जाता है ।अतएव फिर लोट कर आ नहीं सकता ।तुम जिस प्रकार मृत्यु की बात सोच रही हो ,मृत्यु वैसी नहीं है ।जिव की मृत्यु हो जाने पर वह ठीक समय में लोट आकर वह सूक्ष्म देह में अवस्थान करता है । यथार्थ ज्ञानी व्यक्ति मृत्यु का भय नहीं करते ,वरन आनंद ही प्रकाश करते है । क्योंकि आत्मा के देह से विछिन्न होने से ही जो देह ज्ञानालोचना में सर्वदा नाना प्रकार से बाधा देता था जिसकी इन्द्रियों की चंचलता मन को स्थिर नहीं होने देती थी ,वही देह उसको अब स्पर्श नहीं कर सकता ,यही उसके लिए आनंद का विषय है ।''
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