Wednesday, 2 May 2012

The loving day


बड़ी विचित्र बात है कि सात्विक विचार को सात्विक लोग ही अलग नजरिये से देखते है , velentine  
नामक संत गुप्त विवाह कि प्रथा समय के अनुसार चलाई थी जब कि राजा ने अपने हिसाब से व्यवस्था बनाई क्योंकि सेना में बल का संचार भोगविलास कि निवृति के बिना संभब नहीं होता ,
एसा प्रतीत होता है कि इसका परिणाम उल्टा निकला ,लगता है वहां दुराचार फेलने लगा घर घर में स्त्रियों को विलास का साधन बनाया जाने लगा , जेसा कि अभी इस दिन होने लगा है तब वेलेंतैन ने अपने विचार से ऐसे लोगों में सामाजिक व्यवस्था दी कि उनका गुप्त विवाह  रचाया गया 
राजा ने सेन्य शक्ति को क्षय का हेतु   माना और संत को सजा के रूप में फांसी दी 
अब पुनः दुराचार का वातावरण बनाने में ये दिन कारन बन रहा प्रतीत हो रहा है संत इत्यादिको को वेलेंतैने कि तरह ही सोचना पड़ेगा तब ही यह रोग मिटेगा 

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