In my previous blog journey beyond death I have indicated that Bankim goes another place which is very beautiful.He says it is the corner of the Heaven.From where the souls leave the subtle body and go for gross body and new birth on the Earth or may be other place.He also differs between his body and the body where he came to see new place.He says that here in this place sould have different nature or emotions.They all have some kind of demerits.Bankim says from here all souls goes for new birth.
He also says about the death how one goes out side the body and can not enter in his body again.
He concludes that Death is very beautiful state in the Universe.Because now one is free from body disturbances and walks for beauty.
Now in this blog which is Last on the topic Bankim has been continuing for three years to meet her wife smt Magnmayi Devi.Now giving hints why he ignores now to come on the Earth
He also says about the death how one goes out side the body and can not enter in his body again.
He concludes that Death is very beautiful state in the Universe.Because now one is free from body disturbances and walks for beauty.
Now in this blog which is Last on the topic Bankim has been continuing for three years to meet her wife smt Magnmayi Devi.Now giving hints why he ignores now to come on the Earth
Here he forces that man must go at the feet of God in his life ,they must get progress in spiritual path.He says here in this blog man is being blind although having eyes ,man ignores that the time is coming for death near to near.Then no way to escape or deny for results of their deeds.
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Note..---- Now here the series is taking rest due to ending episode
Note..---- Now here the series is taking rest due to ending episode
" और एक दिन अज्ञान लोक में अर्थात निम्न श्रेणी में उन लोगो का हाल जानने के लिए गए थे |वहां प्रकाश का अभाव है |चारों और कुहांसे से ढका हुआ है | सर्वदा ही मानो अन्धकार छाया रहता है |यहाँ की आत्माओं की सुक्ष्म देह में कोई ज्योति नहीं है , मानो मृत व्यक्ति है | कहाँ इनकी समाप्ति होगी ,भगवान ही जाने |यहाँ का दृश्य देख कर ह्रदय कम्पित हुआ |मन में धेर्य नहीं रहा | अभी भी जीवात्मा के उन्नत होने की आशा हो तो और चिंता छोड़ कर अनाथ शरण श्री भगवान् का आश्रय लेना चाहिए | मृत्यु लोक में लोग चक्षु पाकर भी लोग अंधे हो जाते है |अंतिम दिन कितना भयानक होता है | इसका कभी स्मरण नहीं करते |उसका परिणाम यहाँ आकर भोग रहे है |
इस लोक के विभिन्न स्थानों को देखते देखते तीन वर्ष बीत गए |कितने दिन भाव धाम छोड़ कर ,मुझे नित्य धाम में आये हुवे बीते स्मरण रखना कठिन है |धीरे धीरे पुत्र कन्याओं के ह्रदय से मेरी आकृति लुप्त होती जारही है | मै भी इस समय यही चाहता हूँ | मुझको विस्मृत हो जाने पर ही तुम लोगो के मन में शान्ति आएगी | पिता -माता न रहने पर संतान को कितना कष्ट होता है ,यह एक दिन हमने भी अनुभव किया था |मेरी वृद्धा माता की मृत्यु हुई थी तब में निर्जन में बैठ कर अश्रु विसर्जन किया करता था | माता के अभाव में मेरे लिए समस्त संसार शुन्य हो गया था |में अनुभव करता हूँ किवृद्धा माता के लिए जब इतना कष्ट होता है तो जिनकी माता का अल्प आयु में देहांत होजाए ,उन्हें कितना दुःख होता होगा |भगवान ने वह दिन भी दिखा दिया | सवेरे राजू कि स्त्री मृत्यु मुख में पतित हुई ,उसकी संताने माता विहीन होकर अपार दुःख में डूब रही है | मेरी आँखों को यह भी देखना पडा |"
इस लोक के विभिन्न स्थानों को देखते देखते तीन वर्ष बीत गए |कितने दिन भाव धाम छोड़ कर ,मुझे नित्य धाम में आये हुवे बीते स्मरण रखना कठिन है |धीरे धीरे पुत्र कन्याओं के ह्रदय से मेरी आकृति लुप्त होती जारही है | मै भी इस समय यही चाहता हूँ | मुझको विस्मृत हो जाने पर ही तुम लोगो के मन में शान्ति आएगी | पिता -माता न रहने पर संतान को कितना कष्ट होता है ,यह एक दिन हमने भी अनुभव किया था |मेरी वृद्धा माता की मृत्यु हुई थी तब में निर्जन में बैठ कर अश्रु विसर्जन किया करता था | माता के अभाव में मेरे लिए समस्त संसार शुन्य हो गया था |में अनुभव करता हूँ किवृद्धा माता के लिए जब इतना कष्ट होता है तो जिनकी माता का अल्प आयु में देहांत होजाए ,उन्हें कितना दुःख होता होगा |भगवान ने वह दिन भी दिखा दिया | सवेरे राजू कि स्त्री मृत्यु मुख में पतित हुई ,उसकी संताने माता विहीन होकर अपार दुःख में डूब रही है | मेरी आँखों को यह भी देखना पडा |"
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---- Bankim Chandra was an advocate in Calcutta high court. His wife smt Magnmayi devi had occult activities from her childhood and after maturity she became fame in Calcutta. After the death of Advocate Bankim she made connection with him. Bankim used to come and meet her. All details which we here posting were written in Bengali language through widow wife by Bankim.It was translated when a learned yogi met her copied in a bundle of papers. Here in series original first converted language is being posted.
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